चुनाव आयोग (ECI) ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ‘‘वोट चोरी’’ के आरोपों को सख्ती से खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा कि मतदाता सूची से किसी भी नाम को हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी और पारदर्शी है। इसमें प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर देना अनिवार्य होता है।
राहुल गांधी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि कांग्रेस के मजबूत गढ़ों में मतदाताओं के नाम योजनाबद्ध तरीके से सूची से हटाए जा रहे हैं, जिससे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है। इस पर चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी भी मतदाता का नाम हटाना बिना प्रक्रिया और सुनवाई के संभव नहीं है। आयोग ने यह भी जोड़ा कि हर पात्र मतदाता को शिकायत दर्ज कराने और अपना पक्ष रखने का अधिकार है।
आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘‘तथ्यहीन और निराधार’’ बताते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए और लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख को कमजोर करने से बचना चाहिए। चुनाव आयोग ने दोहराया कि उसका मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है और हर पात्र मतदाता को वोट डालने का अधिकार सुनिश्चित करना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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चुनाव आयोग ने जनता से अपील की कि वे भ्रामक दावों और आरोपों पर विश्वास न करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भरोसा बनाए रखें। इस तरह आयोग ने साफ कर दिया कि राहुल गांधी के ‘‘वोट चोरी’’ आरोप पूरी तरह असत्य हैं।
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