प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निजी साहूकारों से लिए गए कर्ज की जबरन वसूली और दबाव बनाकर समझौता कराने से जुड़े एक मामले में दिल्ली और हरियाणा के कई इलाकों में तलाशी अभियान चलाया है। एजेंसी ने सोमवार (29 दिसंबर, 2025) को बताया कि दिल्ली के अलावा हरियाणा के गुरुग्राम और रोहतक में कुल 10 ठिकानों पर छापेमारी की गई।
ईडी के अनुसार, यह कार्रवाई कथित धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के एक मामले के तहत की गई है, जिसमें इंदरजीत सिंह यादव, उसके सहयोगी, अपोलो ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और उनसे जुड़ी अन्य संस्थाएं व व्यक्ति शामिल हैं। एजेंसी का कहना है कि जांच की शुरुआत हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज 15 से अधिक एफआईआर और आरोपपत्रों के आधार पर की गई थी।
ईडी ने बताया कि आरोपियों में एक ऐसा व्यक्ति भी शामिल है, जिसे “कुख्यात बाहुबली” बताया गया है और जिस पर हत्या, जबरन वसूली और निजी कर्ज के मामलों में दबाव बनाकर समझौता कराने जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। एजेंसी का दावा है कि निजी फाइनेंसरों से कर्ज लेने के बाद कर्जदारों पर धमकी और दबाव डालकर रकम वसूलने या शर्तों में मनमाना बदलाव कराया जाता था।
और पढ़ें: ईडी ने मौलाना शम्सुल हुदा खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया
जांच एजेंसी के अनुसार, इन गतिविधियों से अर्जित अवैध धन को विभिन्न कंपनियों और संस्थाओं के माध्यम से घुमाकर वैध दिखाने की कोशिश की गई। इसी संदेह के आधार पर ईडी ने तलाशी अभियान चलाकर दस्तावेजों, डिजिटल साक्ष्यों और वित्तीय लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए हैं।
ईडी का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है और छापेमारी के दौरान जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एजेंसी ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।
और पढ़ें: ₹2,500 करोड़ के छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी गिरफ्तार