छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के समक्ष आठ माओवादी आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया। इन सभी माओवादी कार्यकर्ताओं पर कुल 30 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी संगठन की “अमानवीय और खोखली” विचारधारा का हवाला देते हुए कानून का पालन करने का निर्णय लिया।
राज्य सरकार और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने इसे बड़ी सफलता बताया है, क्योंकि यह माओवादी हिंसा और आतंक के खिलाफ एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि इन माओवादी कार्यकर्ताओं के आत्मसमर्पण से न केवल स्थानीय सुरक्षा बलों को राहत मिलेगी, बल्कि क्षेत्र में सामान्य जनजीवन की स्थिति को भी सुधारने में मदद मिलेगी।
माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए लगातार अभियान और संवाद कार्यक्रमों ने इस परिणाम में योगदान दिया। अधिकारियों ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अब पुनर्वास कार्यक्रमों और समाज में समायोजन की प्रक्रिया में भाग लेंगे।
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विशेषज्ञों का कहना है कि माओवादी हिंसा के खिलाफ इस तरह के आत्मसमर्पण से राज्य की सुरक्षा स्थिति में सुधार होगा। यह कदम अन्य माओवादी कार्यकर्ताओं को भी कानून का रास्ता अपनाने और हिंसा से दूर रहने के लिए प्रेरित कर सकता है।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि सभी आत्मसमर्पण करने वालों को सुरक्षा और पुनर्वास के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि वे समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें। राज्य प्रशासन और सुरक्षा बल इस सफलता को माओवादी विद्रोह को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं।
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