केंद्र सरकार ने बुधवार (31 दिसंबर, 2025) को निर्यात संवर्धन मिशन (एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन–EPM) के तहत मार्केट एक्सेस योजनाओं से संबंधित दिशा-निर्देशों की पहली किस्त को अधिसूचित कर दिया। यह EPM के 11 घटकों में से पहला घटक है, जिसके लिए औपचारिक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। शेष घटकों के लिए दिशा-निर्देश 31 जनवरी, 2026 तक अधिसूचित किए जाने की संभावना है।
सरकार के अनुसार, मार्केट एक्सेस घटक के लिए वर्ष 2025 से 2031 की छह वर्षीय अवधि में कुल ₹4,531 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसमें से चालू वित्त वर्ष के लिए ₹500 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इस घटक का उद्देश्य भारतीय निर्यातकों को नए और उभरते अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच दिलाना, व्यापारिक बाधाओं को कम करना तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाना है।
पूरे निर्यात संवर्धन मिशन के लिए 2025-26 से 2030-31 की अवधि में कुल ₹25,060 करोड़ का बजट तय किया गया है। इस मिशन को वाणिज्य विभाग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME मंत्रालय) और वित्त मंत्रालय संयुक्त रूप से लागू कर रहे हैं। इसके क्रियान्वयन में विदेशों में भारतीय मिशनों, निर्यात संवर्धन परिषदों (EPCs), कमोडिटी बोर्डों और विभिन्न उद्योग संगठनों का सहयोग लिया जाएगा।
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निर्यात संवर्धन मिशन की घोषणा बजट 2025 में की गई थी और इसे नवंबर 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली थी। सरकार का मानना है कि यह मिशन भारत के निर्यात आधार को मजबूत करेगा, MSME क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेहतर अवसर प्रदान करेगा और देश की आर्थिक वृद्धि को गति देगा।
मार्केट एक्सेस से जुड़े ये दिशा-निर्देश निर्यातकों को वैश्विक मांग के अनुरूप उत्पादों के प्रचार, ब्रांडिंग और बाजार विस्तार में सहायता प्रदान करने पर केंद्रित हैं, जिससे भारत की निर्यात क्षमता को दीर्घकालीन रूप से बढ़ाया जा सके।
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