मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार कृषि को जलवायु-लचीला (climate-resilient) बनाने और किसानों को बदलती जलवायु चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कृषि क्षेत्र को मौसमी असमानताओं, बाढ़, सूखा और बढ़ते तापमान जैसी समस्याओं से निपटने के लिए आधुनिक और टिकाऊ तकनीकों से लैस करना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना के तहत विश्व बैंक ने 6,000 करोड़ रुपये की सहायता का वादा किया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक खेती के तौर-तरीकों से जोड़ना, जल संरक्षण तकनीकों को बढ़ावा देना और भूमि की उत्पादकता में वृद्धि करना है।
फडणवीस ने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में जलवायु परिवर्तन का सीधा असर किसानों की आय और उत्पादन पर पड़ता है। यदि समय रहते उपाय नहीं किए गए, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा संकट आ सकता है। इसलिए सरकार किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं, जल प्रबंधन तकनीकें, फसल विविधीकरण और जैविक खेती की दिशा में प्रेरित कर रही है।
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उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना से किसानों को न केवल जलवायु संबंधी जोखिमों से बचाव मिलेगा, बल्कि उन्हें दीर्घकालिक स्थिर आय का भी आश्वासन होगा। सरकार का उद्देश्य है कि खेती को लाभदायक और टिकाऊ बनाया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी कृषि पर भरोसा कर सकें।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने और किसानों की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।
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