हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को राज्य में राजस्व विभाग में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रणाली स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पेपरलेस रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यह पहल राजस्व विभाग में फैली गड़बड़ियों और अनियमितताओं को जड़ से समाप्त करने में निर्णायक साबित होगी।
मुख्यमंत्री सैनी ने स्पष्ट किया कि अब रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी और इसमें मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम कर दिया जाएगा। इससे न केवल भ्रष्टाचार की संभावनाओं पर पूरी तरह रोक लगेगी, बल्कि आमजन को पारदर्शी और त्वरित सेवाएं भी मिलेंगी। उन्होंने इस प्रणाली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन’ नीति का जीता-जागता उदाहरण बताया।
उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था से लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सभी रजिस्ट्री कार्य ऑनलाइन माध्यम से आसानी से संपन्न होंगे। इससे समय और संसाधनों की बचत होगी, वहीं पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।
और पढ़ें: करूर भीड़ भगदड़: तमिलनाडु सरकार सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए नियम और दिशानिर्देश बनाएगी, मुख्यमंत्री स्टालिन का बयान
सैनी ने यह भी उल्लेख किया कि पेपरलेस रजिस्ट्रेशन पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। कागज के उपयोग में भारी कमी आने से पेड़ों की कटाई रुकेगी और हरित पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार का दावा है कि इस डिजिटल पहल से जनता का विश्वास राजस्व विभाग पर और मजबूत होगा तथा भ्रष्टाचार मुक्त हरियाणा के निर्माण की दिशा में यह बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।
और पढ़ें: ईयू ने संयुक्त राष्ट्र की पहल के बाद ईरान पर प्रतिबंध फिर से लागू किए