ब्रिटेन के रॉयल नेवी युद्धपोत HMS रिचमंड भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास ‘कोंकण’ (Exercise Konkan) पूरा करने के बाद मुंबई बंदरगाह पर पहुंचा। यह अभ्यास भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ते सामरिक एवं रक्षा सहयोग का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है।
ब्रिटिश कैरीयर स्ट्राइक ग्रुप (CSG) के कमांडर कॉमोडोर जेम्स ब्लैकमोर ने कहा कि इस अभ्यास ने दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच अंतरसंचालन क्षमता (interoperability) को नई दिशा दी है। उन्होंने कहा, “अभ्यास कोंकण ने हमारे साझा लक्ष्यों को मजबूत किया है और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी समझ को गहराया है।”
भारतीय नौसेना के अधिकारियों के अनुसार, यह अभ्यास अरब सागर में आयोजित किया गया था, जिसमें दोनों नौसेनाओं ने एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, समुद्री निगरानी, हवाई रक्षा और खोज-बचाव अभियानों जैसे कई जटिल अभियानों में भाग लिया। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच तकनीकी समन्वय और संयुक्त मिशन संचालन की क्षमता को बढ़ाना था।
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मुंबई बंदरगाह पर HMS रिचमंड के आगमन के दौरान भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने जहाज का स्वागत किया। इस अवसर पर दोनों देशों के नौसैनिक अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता, सांस्कृतिक कार्यक्रम और तकनीकी साझेदारी पर चर्चाएं भी आयोजित की गईं।
भारत और ब्रिटेन के बीच ‘कोंकण’ अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी और तब से यह द्विपक्षीय नौसैनिक सहयोग का प्रमुख मंच बना हुआ है।
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