हरियाणा की कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मामूली अपराधों को अपराधमुक्त (decriminalise) करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इस अध्यादेश के तहत अब छोटे तकनीकी और प्रक्रियात्मक उल्लंघनों के लिए आपराधिक दंड की बजाय नागरिक दंड और प्रशासनिक कार्रवाई का प्रावधान होगा।
अध्यादेश का उद्देश्य राज्य में छोटे उल्लंघनों के मामलों में न्यायिक प्रणाली पर दबाव कम करना और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी और सरल बनाना है। इससे सरकार और संबंधित विभाग मामूली मामलों में त्वरित कार्रवाई कर सकेंगे और नागरिकों के लिए कानूनी प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकेगा।
कैबिनेट ने बताया कि अध्यादेश से उन मामलों में सुधार होगा, जो पहले छोटे तकनीकी या प्रक्रियात्मक चूक के कारण आपराधिक पेनल्टी के दायरे में आते थे। अब इन मामलों में संबंधित व्यक्तियों या संस्थाओं पर नागरिक जुर्माना, नोटिस या प्रशासनिक कार्रवाई जैसे विकल्प अपनाए जाएंगे।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम कानून और प्रशासनिक प्रक्रिया में संतुलन बनाए रखने के दृष्टिकोण से अहम है। इससे न केवल छोटे मामलों में न्यायिक बोझ कम होगा, बल्कि राज्य की कानूनी प्रणाली भी अधिक कारगर और त्वरित बनेगी।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, अध्यादेश का यह प्रावधान नागरिकों और व्यवसायों को तकनीकी उल्लंघनों के लिए आपराधिक मुकदमेबाजी से बचाएगा और प्रशासनिक सुधार को बढ़ावा देगा।
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