केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत का निर्यात लगभग 6% की दर से बढ़ने की संभावना है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह वृद्धि ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक व्यापार कई तरह की चुनौतियों और अस्थिरताओं का सामना कर रहा है।
गोयल ने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में मजबूत प्रदर्शन किया है और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच अपनी स्थिति को और सुदृढ़ किया है। उन्होंने बताया कि सरकार का ध्यान न केवल पारंपरिक बाजारों को बनाए रखने पर है, बल्कि नए व्यापारिक साझेदार देशों के साथ संबंध मजबूत करने पर भी केंद्रित है।
उन्होंने इस अवसर पर मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को लेकर जारी चर्चाओं का भी उल्लेख किया। गोयल ने कहा कि भारत कई देशों के साथ एफटीए वार्ता को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। इन समझौतों से भारतीय निर्यातकों को नए अवसर मिलेंगे और वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने की उनकी क्षमता और मजबूत होगी।
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मंत्री ने यह भी कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और भू-राजनीतिक तनाव जैसी चुनौतियों के बावजूद भारत के निर्यातकों ने लचीलापन और दृढ़ता दिखाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार के सुधारात्मक कदम और उद्योग जगत का सहयोग मिलकर इस साल निर्यात वृद्धि को और गति देंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह अनुमान सही साबित होता है तो भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और विदेशी मुद्रा भंडार में भी इजाफा होगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ने और उत्पादन क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलने की भी संभावना है।
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