श्रीलंका में आए विनाशकारी चक्रवात ‘दित्वाह’ और उससे पैदा हुई भीषण बाढ़ व भूस्खलन के बाद भारत ने तत्काल मानवीय सहायता का हाथ बढ़ाया है। भारत ने ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत 80 से अधिक एनडीआरएफ कर्मियों और आठ टन उपकरणों के साथ 21 टन राहत सामग्री श्रीलंका भेजी। भारतीय वायुसेना के एक C-130 विमान ने आवश्यक खाद्य सामग्री और स्वच्छता से जुड़ी वस्तुओं के साथ शनिवार तड़के 1:30 बजे कोलंबो के बांदरणायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड किया, जहां भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों और श्रीलंकाई वायुसेना अधिकारियों ने इसे प्राप्त किया।
भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात हिंडन एयरबेस से एक C-130 और एक IL-76 विमान तुरंत रवाना किए। इन विमानों से आवश्यक राशन, राहत सामग्री और एनडीआरएफ टीमों को श्रीलंका पहुंचाया गया। वायुसेना ने कहा कि भारत ‘Neighbourhood First’ की नीति के तहत श्रीलंका की इस कठिन समय में पूरी मजबूती से मदद कर रहा है।
शुक्रवार को भारत ने ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ की शुरुआत की थी, जिसके तहत नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और युद्धपोत आईएनएस उदयगिरि से राहत सामग्री की पहली खेप भी भेजी।
और पढ़ें: ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने पद पर रहते हुए की शादी
उधर श्रीलंका के डिज़ास्टर मैनेजमेंट सेंटर (DMC) ने पुष्टि की है कि शनिवार सुबह 9 बजे तक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 123 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 130 लोग लापता हैं। लगभग 61,000 परिवारों के 2 लाख से अधिक लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। कई जिलों में वास्तविक मौत का आंकड़ा इससे अधिक होने की आशंका है, खासकर कैंडी और बादुला जिलों में भारी तबाही हुई है।
चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में व्यापक विनाश किया है। सभी प्रमुख जलाशयों और नदियों में पानी भर गया है और लोगों को निकासी की चेतावनी जारी की गई है। 35% क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप है, जिससे करीब 70 लाख उपभोक्ता प्रभावित हैं। लगातार बारिश और बाढ़ के कारण राहत व बहाली कार्यों में बाधा आ रही है।
और पढ़ें: दिल्ली ब्लास्ट केस: डॉक्टर शाहीन सईद की लव स्टोरी और आतंक की ओर बढ़ता सफर