भारत ने रूस और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों के साथ व्यापार समझौते के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) पर हस्ताक्षर किए हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह कदम दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, भारत और ईएईयू (Eurasian Economic Union) के देशों के बीच व्यापारिक लेन-देन 2024 में 69 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया, जो 2023 की तुलना में 7% अधिक है। दोनों पक्षों ने इस वृद्धि को सकारात्मक संकेत के रूप में देखा और कहा कि यह सहयोग और विस्तार की संभावनाओं को दर्शाता है।
हस्ताक्षरित टर्म्स ऑफ रेफरेंस का उद्देश्य व्यापार समझौतों की रूपरेखा तैयार करना है, जिसमें सीमा शुल्क नीतियां, निवेश प्रवाह, विनिमय प्रक्रियाएं और अन्य संबंधित आर्थिक पहलुओं को शामिल किया जाएगा। इससे भारत और ईएईयू देशों के बीच निर्यात और आयात को आसान और तेज़ बनाने में मदद मिलेगी।
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वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता भारत के लिए वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने और रणनीतिक आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने का अवसर है। इसके तहत कृषि उत्पाद, खनिज संसाधन, ऊर्जा और तकनीकी वस्तुएं प्रमुख रूप से व्यापार का हिस्सा होंगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के समझौते दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए लाभकारी होंगे और दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे। यह भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति में रणनीतिक दृष्टिकोण और सहयोग पर ध्यान देने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
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