भारत ने अमेरिकी कांग्रेस में पेश किए गए उस विधेयक पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 500% तक आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वैश्विक व्यापार में “दोगले मापदंड” स्वीकार नहीं किए जा सकते।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा प्रस्तुत Russian Sanctions Act को समर्थन दिया है। इस विधेयक में रूस से तेल और अन्य प्रतिबंधित उत्पादों का व्यापार जारी रखने वाले देशों पर 100% तक का द्वितीयक शुल्क लगाने की धमकी दी गई है।
हालांकि, भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के आधार पर स्वतंत्र रूप से निर्णय लेता है और किसी एकतरफा दबाव में नहीं आएगा। विदेश मंत्रालय ने यह भी रेखांकित किया कि यूरोपीय संघ के कई देश आज भी रूसी तेल खरीद रहे हैं, लेकिन उन्हें इस बिल में निशाना नहीं बनाया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह विधेयक कुछ खास देशों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण अपनाता है।
इसके अलावा, नाटो प्रमुख की ओर से भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देशों को भी रूसी उत्पाद खरीदने पर परोक्ष रूप से धमकी दी गई है। भारत ने ऐसे बयानों को अनुचित करार देते हुए वैश्विक मंचों पर निष्पक्षता और समानता की मांग की है।