क्रिसमस से ठीक पहले मध्य प्रदेश में धार्मिक तनाव बढ़ गया है, जहां दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा दो चर्चों में घुसकर की गई कार्रवाइयों के बाद हिंसा और विवाद की स्थिति सामने आई है। पुलिस के अनुसार, इन घटनाओं में कानून-व्यवस्था भंग करने के आरोप में कई युवाओं को हिरासत में लिया गया है, जबकि जांच एजेंसियां दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर घटनाक्रम की कड़ी जोड़ने में जुटी हैं।
इस सप्ताह सामने आए मामलों में, एक के बाद एक चर्च परिसरों में की गई इन घुसपैठों ने प्रदेश की राजनीति और सामाजिक माहौल को गरमा दिया है। सोमवार को जबलपुर में कथित धार्मिक धर्मांतरण को लेकर विवाद उस समय गंभीर रूप ले लिया, जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में एक स्थानीय भाजपा पदाधिकारी को चर्च परिसर के भीतर एक दृष्टिबाधित महिला के साथ हाथापाई करते हुए देखा गया।
बताया जा रहा है कि मामला दृष्टिबाधित छात्रों के कथित धर्मांतरण से जुड़ा था, जिसे लेकर दक्षिणपंथी संगठनों ने आपत्ति जताई। विवाद बढ़ने के बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कदम उठाए गए और किसी भी बड़े टकराव को टाल दिया गया।
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पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच की जा रही है और वीडियो फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान तथा अन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, चर्च प्रशासन और ईसाई समुदाय के सदस्यों ने इन घटनाओं को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए सुरक्षा की मांग की है।
प्रदेश में इन घटनाओं ने त्योहारों के मौसम में सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है, साथ ही कहा है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
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