महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति गठबंधन की बड़ी जीत के एक दिन बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले ने सोमवार (22 दिसंबर, 2025) को सवाल उठाया कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यह जीत अपने नेताओं की ताकत पर हासिल की या फिर अन्य दलों से आए दलबदलुओं के सहारे।
रविवार (21 दिसंबर) को घोषित नतीजों के अनुसार, भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनावों में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 207 अध्यक्ष पदों पर जीत दर्ज की। वहीं, विपक्षी महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को कुल मिलाकर केवल 44 सीटें ही मिल सकीं।
राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा ने नगर परिषद अध्यक्ष के 117 पदों पर जीत हासिल की, शिवसेना को 53 और एनसीपी को 37 पद मिले। कांग्रेस ने 28, एनसीपी (एसपी) ने सात और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को नौ पदों पर सफलता मिली।
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The Indian Witness से बातचीत में सुप्रिया सुले ने कहा कि ये नतीजे चौंकाने वाले नहीं हैं, क्योंकि एनसीपी और शिवसेना के विभाजन के कारण मतों का बंटवारा हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि आमतौर पर सत्ता में रहने वाली पार्टी को स्थानीय निकाय चुनावों में फायदा मिलता है।
हालांकि, उन्होंने सवाल उठाया, “क्या भाजपा ने यह जीत अपनी संगठनात्मक ताकत से हासिल की है या उन लोगों की वजह से, जो अन्य दलों को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए?”
पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनावों में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और एनसीपी (एसपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की अटकलों पर सुले ने कहा कि इस तरह के किसी गठबंधन का अभी तक कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, “हम विकास के एजेंडे पर सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं।”
वहीं, महाराष्ट्र एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने कहा कि मुंबई में भाजपा को हराने के लिए समान विचारधारा वाले दलों का व्यापक गठबंधन बनाने की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई और पुणे सहित 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होंगे और मतगणना अगले दिन की जाएगी।
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