मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुए हमले को लेकर स्थानीय लोगों ने गुस्सा और विरोध जाहिर किया है। बड़ी संख्या में लोग हमले की जगह से लगभग एक किलोमीटर दूर इकट्ठा हुए और हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने पारंपरिक शोक पोशाक पहनकर शांतिपूर्ण धरना दिया। इस दौरान लोगों ने नारे लगाए और तख्तियां थामीं, जिन पर लिखा था कि ऐसे हमले “जनता में डर और दहशत फैलाने की साजिश” हैं। स्थानीय समुदाय ने साफ संदेश दिया कि वे हिंसा और अस्थिरता को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
असम राइफल्स पर हुआ यह हमला हाल के दिनों में मणिपुर में बढ़ती अशांति का एक और उदाहरण माना जा रहा है। सुरक्षा बलों ने इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया है और हमलावरों की तलाश जारी है। ड्रोन, स्निफर डॉग्स और अतिरिक्त सुरक्षाबलों की मदद से ऑपरेशन को तेज किया गया है।
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मणिपुर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने हमले के पीछे सक्रिय उग्रवादी संगठनों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि यह हमला सुरक्षाबलों की आवाजाही और क्षेत्र में शांति स्थापित करने की कोशिशों को बाधित करने के उद्देश्य से किया गया।
स्थानीय लोगों ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से अपील की है कि वे दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ें और शांति कायम करें। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि लगातार हो रही हिंसक घटनाओं से आम नागरिकों का जीवन प्रभावित हो रहा है और उनका भरोसा डगमगा रहा है।
यह विरोध प्रदर्शन यह दर्शाता है कि स्थानीय जनता अब हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर खड़ी हो रही है और शांति व सुरक्षा की मांग कर रही है।
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