महाराष्ट्र में बढ़ते OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि मराठा आरक्षण (Maratha Quota) को बनाए रखा जाएगा। राज्य के मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्पष्ट किया कि मराठा समुदाय को आरक्षण के अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा और सरकार इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की जल्दीबाजी में नहीं है।
वर्तमान में मराठा समुदाय लंबे समय से शिक्षा और रोजगार में आरक्षण की मांग कर रहा है। इसके साथ ही, OBC वर्ग भी आरक्षण में अपनी हिस्सेदारी को लेकर सक्रिय प्रदर्शन कर रहा है, जिससे राज्य में सामाजिक और राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। मंत्री ने कहा कि सरकार सभी वर्गों के संतुलन और अधिकारों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है और किसी भी वर्ग के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि मराठा आरक्षण कानून संपूर्ण कानूनी प्रक्रिया और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार लागू रहेगा। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार सभी समुदायों के हितों का संरक्षण करते हुए विवादों का समाधान करेगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि मराठा आरक्षण को बनाए रखने का निर्णय राजनीतिक स्थिरता के लिए अहम है। सरकार का उद्देश्य विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच संतुलन बनाए रखना और संभावित हिंसा या विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करना है।
साथ ही, प्रशासन ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त उपायों की योजना बनाई है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना या प्रदर्शन नियंत्रण से बाहर न हो।
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