नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि प्रवासन (माइग्रेशन) वैश्विक प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधनों, विचारों और कौशल का आदान-प्रदान ही दुनिया को आगे बढ़ाने का मुख्य आधार है।
अमर्त्य सेन के इस बयान को हाल के उन घटनाक्रमों के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिनमें देशभर में बंगाली प्रवासी मजदूरों पर हमले बढ़े हैं। इन घटनाओं ने प्रवासन और प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा जैसे मुद्दों को फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया है।
अर्थशास्त्री सेन के अनुसार, प्रवासन केवल आर्थिक मजबूरी नहीं है, बल्कि यह समाज के विकास, नवाचार और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि मानव सभ्यता हमेशा गतिशील रही है और प्रवास की प्रक्रिया ने ही ज्ञान और तकनीकी उन्नति को तेज किया है।
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अमर्त्य सेन ने यह भी चेतावनी दी कि प्रवासियों के प्रति हिंसा और भेदभाव न केवल सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि यह आर्थिक प्रगति को भी धीमा कर देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासन को खतरे के रूप में नहीं, बल्कि अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।
उनके अनुसार, अगर प्रवासन को सही तरीके से प्रोत्साहित किया जाए और प्रवासियों को सम्मान और सुरक्षा दी जाए, तो यह न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी विकास को गति दे सकता है।
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