राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को तेलंगाना में कई स्थानों पर छापेमारी की। ये छापे विजयनगरम आईएसआईएस आतंकी साजिश मामले से जुड़े थे, जिसकी जांच हाल ही में तेज़ की गई है।
इस मामले की शुरुआत जुलाई 2025 में तब हुई थी जब विजयनगरम पुलिस ने सिराज-उर-रहमान नामक आरोपी को गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने ऐसे रासायनिक पदार्थ बरामद किए थे जिनका इस्तेमाल आईईडी (इंप्रोवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने में किया जा सकता है। बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी और इसके बाद मामला एनआईए को सौंपा गया।
एनआईए अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी का उद्देश्य संभावित नेटवर्क का पता लगाना और ऐसे लोगों की पहचान करना था जो आईएसआईएस से जुड़े या उसके समर्थन में गतिविधियां चला रहे हैं। जांच एजेंसी को शक है कि आरोपी सिराज-उर-रहमान अकेला नहीं था, बल्कि वह एक बड़े मॉड्यूल का हिस्सा हो सकता है, जो भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था।
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तेलंगाना में जिन ठिकानों पर छापे मारे गए, वहां से डिजिटल उपकरण, संदिग्ध दस्तावेज और कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद किए गए हैं। फिलहाल इन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। एनआईए का कहना है कि इन छापों से मिले सुराग आने वाले दिनों में जांच को नई दिशा देंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई न केवल दक्षिण भारत बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है। एनआईए अब आरोपी के संभावित विदेशी संपर्कों और फंडिंग स्रोतों की भी जांच कर रही है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने साफ किया है कि आतंकवाद से जुड़े मामलों में ज़ीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी और किसी भी स्तर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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