पेरू सरकार ने चिली के साथ अपनी दक्षिणी सीमा पर शुक्रवार (28 नवंबर 2025) को आपातकाल घोषित कर दिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि सरकार को आशंका है कि चिली के राष्ट्रपति पद के लिए दक्षिणपंथी उम्मीदवार जोसे एंटोनियो कास्ट के संभावित विजय के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी देश छोड़ने की कोशिश कर सकते हैं।
घोषणा के अनुसार, पेरू की सेना अगले 60 दिनों तक ताकना (Tacna) क्षेत्र में सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगी। यह अवधि 14 दिसंबर को होने वाले चिली के राष्ट्रपति चुनाव के रन-ऑफ के बाद तक जारी रहेगी, जिसमें कास्ट का मुकाबला वामपंथी उम्मीदवार जीनत जारा से है। कास्ट आव्रजन के मुद्दे पर सख्त रुख के लिए जाने जाते हैं।
सरकार ने कहा कि आपातकाल का उद्देश्य सीमा क्षेत्र में बढ़ते अपराध और हिंसा की स्थितियों को भी नियंत्रित करना है। आदेश में कहा गया कि आंतरिक सुरक्षा का नियंत्रण पेरू की राष्ट्रीय पुलिस के हाथ में रहेगा, जबकि सेना आवश्यक सहयोग देगी।
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पेरू के राष्ट्रपति जोसे जेरी ने यह कदम इसलिए घोषित किया क्योंकि हाल के दिनों में दर्जनों प्रवासी चिली-पेरू सीमा पर फंसे हुए पाए गए। चिली के अरिका क्षेत्र के गवर्नर द्वारा जारी एक वीडियो में दर्जनों प्रवासियों को चकल्लूटा-सांता रोज़ा क्रॉसिंग पर चिली छोड़ने की कोशिश करते हुए दिखाया गया।
एक वेनेजुएला प्रवासी ने बताया कि वे चिली छोड़ने की कोशिश इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें भय है कि कास्ट के सत्ता में आने पर उन्हें बलपूर्वक निकाला जा सकता है। हालांकि, पेरू के अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे और अवैध प्रवासियों को प्रवेश की अनुमति नहीं देंगे।
कास्ट ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर चिली के 3.3 लाख अवैध प्रवासियों को चेतावनी दी कि उन्हें 103 दिनों के भीतर देश छोड़ना होगा, अन्यथा उन्हें जबरन निकाला जाएगा।
2015 से अब तक 15 लाख से अधिक वेनेजुएलाई प्रवासी पेरू पहुंच चुके हैं, और सरकार का कहना है कि वह अब और अवैध प्रवासियों को संभालने में सक्षम नहीं है।
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