ब्लड कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिए शुरू किया गया एक परोपकारी “डोनेट ए लाइफ” फंड पिछले एक दशक में सैकड़ों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बना है। इस फंड की बदौलत अब तक 176 बच्चों की जान बचाई जा चुकी है, जिन्हें समय पर और प्रभावी इलाज उपलब्ध कराया गया। यह पहल उन कैंसर रोगों से निपटने के लिए सामाजिक सहयोग को संगठित करने का उदाहरण है, जो पहले अक्सर बच्चों की मौत का कारण बन जाते थे।
यह परोपकारी फंड अगस्त 2014 में यहां स्थित भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को ब्लड कैंसर के लंबे और बहु-स्तरीय इलाज के दौरान आर्थिक सहायता प्रदान करना है। ब्लड कैंसर का उपचार आमतौर पर एक से दो वर्ष तक चलता है और इसमें कई चरण होते हैं, जिनका खर्च वहन करना अधिकांश परिवारों के लिए बेहद कठिन होता है।
अब तक इस फंड के तहत कुल 272 बच्चों को इलाज के लिए पंजीकृत किया गया है। इनमें से 168 बच्चे सफलतापूर्वक पूरी तरह ठीक हो चुके हैं, जबकि आठ बच्चे वर्तमान में इलाज के दौर से गुजर रहे हैं और उनके स्वास्थ्य में उत्साहजनक सुधार देखा जा रहा है। हालांकि, गंभीर स्थिति और जटिलताओं के चलते 17 बच्चों की मृत्यु भी हुई है।
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अस्पताल प्रशासन के अनुसार, “डोनेट ए लाइफ” फंड के माध्यम से जुटाए गए संसाधनों ने यह साबित किया है कि सामूहिक सामाजिक सहयोग से इलाज योग्य कैंसरों में मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। दानदाताओं, स्वयंसेवकों और चिकित्सा विशेषज्ञों के समन्वित प्रयासों ने कई मासूम जिंदगियों को नया जीवन दिया है।
यह पहल न केवल चिकित्सा सहायता प्रदान करती है, बल्कि बच्चों और उनके परिवारों को मानसिक और सामाजिक संबल भी देती है। अस्पताल का कहना है कि भविष्य में इस फंड का दायरा और बढ़ाया जाएगा, ताकि और अधिक जरूरतमंद बच्चों तक जीवन रक्षक इलाज पहुंचाया जा सके।
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