प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए दो बड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया, जिनकी कुल लागत 35,440 करोड़ रुपये है। उन्होंने किसानों से उत्पादन बढ़ाने और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने का आह्वान किया।
इन योजनाओं के तहत कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। कृत्रिम निषेचन प्रशिक्षण केंद्र अब बेंगलुरु और जम्मू-कश्मीर में कार्यरत होंगे, जहां पशुपालकों और पशु चिकित्सा कर्मियों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके अलावा, गुजरात के अमरेली और बनास में Centers of Excellence स्थापित किए गए हैं, जो कृषि और पशुपालन क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देंगे। असम में राष्ट्रीय गोपाल मिशन के तहत एक IVF लैब शुरू की गई है, जो पशुओं के प्रजनन और दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद करेगी।
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दूध प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए मेहसाना, इंदौर और भीलवाड़ा में नए मिल्क पाउडर प्लांट्स का उद्घाटन किया गया। इन संयंत्रों से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि दूध और डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से किसानों को उन्नत तकनीक, प्रशिक्षण और संसाधन मिलेंगे, जिससे देश में कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने यह भी जोर दिया कि इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि और कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन पहलुओं के लागू होने से राष्ट्रीय डेयरी और पशुपालन उद्योग को मजबूत करने में मदद मिलेगी, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
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