जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने मंगलवार (18 नवंबर 2025) को दावा किया कि अगर बिहार सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 60,000 महिलाओं को ₹10,000 की पहली किस्त नहीं दी होती और पूरे राज्य की 1.5 करोड़ महिलाओं को स्वयं-रोज़गार योजना के तहत ₹2 लाख देने का वादा नहीं किया होता, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू मात्र 25 सीटों पर सिमट जाती।
पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा कि उनकी जन सुराज पार्टी ने ईमानदारी से मेहनत की, लेकिन चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। उन्होंने हार की पूरी जिम्मेदारी भी स्वयं ली। किशोर ने आरोप लगाया कि ‘वोट चोरी’ पूरे देश में होती है और विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा करनी चाहिए तथा ज़रूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमें झटका लगा है, लेकिन हम गलतियों को सुधारेंगे, खुद को मज़बूत करेंगे और फिर से वापसी करेंगे। हमारे लिए अब पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है।”
एनडीए पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांटा और पैसे के दम पर वोट खरीदे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भ्रष्टाचार या विभाजन की राजनीति नहीं की।
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किशोर ने घोषणा की कि यदि एनडीए सरकार महिलाओं को ₹2 लाख देने का चुनावी वादा पूरा कर देती है तो वह राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि पैसे न मिलने की स्थिति में महिलाएं जन सुराज के पास आएं, वे उनके अधिकारों के लिए लड़ेंगे। किशोर 20 नवंबर को पश्चिम चंपारण जिले के बिठिहरवा में एक दिन का उपवास भी करेंगे।
बिहार में एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की।
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