पुणे के नवले ब्रिज के पास शुक्रवार को हुए भीषण हादसे में आठ लोगों की मौत के बाद एक बार फिर इस क्षेत्र की सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे हैं। पिछले पांच वर्षों में इस bypass stretch पर 76 दुर्घटनाओं में 93 लोगों की जान जा चुकी है। हादसों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच पुणे नगर निगम (PMC), शहर ट्रैफिक पुलिस, हाईवे पुलिस और PMRDA ने मिलकर वाहनों की रफ्तार नियंत्रित करने और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए तीन-स्तरीय रणनीति लागू करने का निर्णय लिया है। यह योजना नए कात्रज टनल से लेकर नवले ब्रिज और वडगांव ब्रिज तक के पूरे मार्ग पर लागू की जाएगी।
हालांकि जांच में यह महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है कि इस महत्वपूर्ण मार्ग की सर्विस रोड पिछले 18 वर्षों से विकसित ही नहीं की गई, जबकि यह स्थानीय ट्रैफिक के बोझ को कम करने में अहम भूमिका निभा सकती थी।
पुणे नगर आयुक्त नवल किशोर राम ने शनिवार को बताया कि कात्रज-देहू रोड बायपास, जो पुणे-बेंगलुरु हाईवे का हिस्सा है, पर यातायात दबाव कम करने के लिए नगर प्रशासन अब सर्विस रोड के निर्माण को प्राथमिकता देगा। उन्होंने कहा, “सर्विस रोड 18 सालों से नहीं बनी, जबकि इन्हें होना चाहिए था। हमारी योजना है कि स्थानीय यातायात सर्विस रोड का उपयोग करे और लंबी दूरी का ट्रैफिक हाईवे पर चले। इससे ट्रैफिक जाम और हादसों में कमी आएगी।”
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स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्विस रोड की अनुपस्थिति के कारण छोटे वाहन भी हाईवे पर चलने को मजबूर होते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अब नगर निगम के सक्रिय होने से उम्मीद है कि लंबे समय से उपेक्षित इस सड़क का निर्माण जल्द शुरू होगा।
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