लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार (24 दिसंबर, 2025) को केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि सरकार की त्रुटिपूर्ण नीतियों के कारण देश में एकाधिकारियों को खुली छूट मिल रही है, जबकि छोटे और मध्यम व्यापारी नौकरशाही की जंजीरों में जकड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के गलत क्रियान्वयन जैसी नीतियों ने छोटे कारोबारियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
राहुल गांधी ने यह बातें वैश्य समुदाय के प्रतिनिधियों के एक समूह से मुलाकात के दौरान कहीं। वैश्य समुदाय को पारंपरिक रूप से देश के व्यापारिक वर्ग की रीढ़ माना जाता है।
The Indian Witness में राहुल गांधी ने कहा कि सरकार की आर्थिक नीतियां कुछ गिने-चुने बड़े उद्योगपतियों और कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में बनाई जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन नीतियों से बाजार में प्रतिस्पर्धा खत्म हो रही है और एकाधिकार को बढ़ावा मिल रहा है। इसके विपरीत, छोटे दुकानदारों, व्यापारियों और उद्यमियों को लगातार नियमों, कागजी कार्रवाई और टैक्स संबंधी जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है।
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उन्होंने जीएसटी का उदाहरण देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य “एक देश, एक कर” की अवधारणा को मजबूत करना था, लेकिन गलत ढंग से लागू किए जाने के कारण यह छोटे व्यापारियों के लिए बोझ बन गया है। राहुल गांधी के अनुसार, बार-बार नियमों में बदलाव, जटिल रिटर्न प्रणाली और सख्त अनुपालन ने छोटे कारोबारियों की आजीविका पर नकारात्मक असर डाला है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब तक छोटे और मझोले व्यापारियों को राहत नहीं दी जाएगी और नीतियों को जमीनी हकीकत के अनुसार नहीं बदला जाएगा, तब तक देश की अर्थव्यवस्था संतुलित और समावेशी नहीं बन सकती। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी छोटे व्यापारियों की आवाज उठाती रहेगी और उनके हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करती रहेगी।
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