कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को बिहार के औरंगाबाद में चुनावी सभा के दौरान दिए गए बयान से नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि देश की सेना सहित प्रमुख संस्थान देश की केवल 10 प्रतिशत ऊंची जातियों के नियंत्रण में हैं, जबकि बाकी 90 प्रतिशत आबादी — पिछड़े वर्ग, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक — इन क्षेत्रों में नजर नहीं आते।
राहुल गांधी ने कहा, “कॉरपोरेट सेक्टर, नौकरशाही, न्यायपालिका और अब सेना तक में सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों को अवसर मिलते हैं। 90 प्रतिशत भारतीय व्यवस्था से बाहर हैं।” उन्होंने इसे सामाजिक न्याय और जातिगत जनगणना की आवश्यकता से जोड़ा, यह कहते हुए कि “हम 90 प्रतिशत लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए जातिगत जनगणना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “अगर 90 प्रतिशत लोगों की भागीदारी नहीं होगी, तो संविधान की रक्षा नहीं की जा सकती।” यह पहली बार है जब राहुल गांधी ने सेना को इस संदर्भ में जोड़ा है।
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यह भी पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी सेना पर बयान को लेकर विवाद में घिरे हैं। अगस्त 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी, जब उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कहा था कि “चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों को पीट रहे हैं।” कोर्ट ने पूछा था कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली और कहा कि “एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा।”
भाजपा नेताओं ने इस बयान पर राहुल गांधी की आलोचना की, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल “भारत को कमजोर और चीन को मजबूत” कर रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि “कोर्ट यह तय नहीं कर सकता कि असली भारतीय कौन है।”
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