कर्नाटक के रायचूर जिले के उपायुक्त (डीसी) ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जिले में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उन पीड़ितों के लिए आवश्यक कार्रवाई करें, जिन्हें अत्याचार के मामलों में मुआवजा मिलना चाहिए।
उपायुक्त ने बताया कि अधिकांश पीड़ितों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती कि वे सरकारी मुआवजे के पात्र हैं, जिसके कारण वे इसका लाभ नहीं ले पाते। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों को चाहिए कि वे जागरूकता अभियान चलाएं ताकि पीड़ित परिवार अपने अधिकारों के प्रति सचेत हो सकें और न्यायिक एवं वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकें।
डीसी ने यह निर्देश जिला स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान दिए, जिसमें पुलिस, समाज कल्याण विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत पीड़ितों को न केवल सुरक्षा बल्कि मुआवजा, पुनर्वास और कानूनी सहायता का भी अधिकार है।
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अधिकारियों को यह भी कहा गया कि वे सभी लंबित मामलों की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि जिन पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें शीघ्र भुगतान किया जाए। डीसी ने जोर दिया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन और पुलिस को मिलकर काम करना चाहिए, ताकि न केवल न्याय सुनिश्चित हो, बल्कि समाज में विश्वास भी बना रहे।
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