केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से संभावित खतरे की चेतावनी के बाद शुक्रवार को भोपाल और दिल्ली स्थित उनके आवासों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई। खुफिया इनपुट मिलने के बाद संबंधित एजेंसियों को औपचारिक सूचना भेजी गई और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों के साथ परामर्श कर खतरे के आकलन को दोबारा परखा गया। इसके बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल को और मजबूत किया गया।
शनिवार सुबह तक भोपाल के 74 बंगलों क्षेत्र में स्थित शिवराज चौहान का बी-8 और बी-9 संयुक्त बंगला, जिसे ‘मामा का घर’ कहा जाता है, एक उच्च-सुरक्षा क्षेत्र में तब्दील हो गया। भारी संख्या में सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, मेटल बैरिकेड्स और सीमित आवाजाही के चलते यह इलाका किले जैसी सुरक्षा में बदल गया। यह क्षेत्र पहले से ही भोपाल के सबसे सुरक्षित इलाकों में गिना जाता है।
सूत्रों के अनुसार, खुफिया जानकारी में संकेत मिले हैं कि आईएसआई शिवराज चौहान से जुड़ी सूचनाएं एकत्र कर रही थी। इसी के आधार पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया। उल्लेखनीय है कि शिवराज चौहान को पहले से ही Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, जो देश में सुरक्षा का दूसरा सबसे उच्च स्तर माना जाता है। इस श्रेणी में विशेष कमांडो दस्ते, बुलेटप्रूफ वाहन, अत्याधुनिक निगरानी और सुरक्षा उपकरण शामिल होते हैं। Z+ सुरक्षा को केवल प्रधानमंत्री को मिलने वाले एसपीजी कवर से कम माना जाता है।
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भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने सुरक्षा बढ़ाए जाने की पुष्टि की है। वहीं, कांग्रेस के राज्य मीडिया विभाग के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने इसे राजनीतिक रंग दिए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि समर्थक इसे बड़े राजनीतिक पद से जोड़कर प्रचारित कर रहे हैं, जबकि असल वजह सुरक्षा व्यवस्था में सुधार है।
जनवरी 2024 में मुख्यमंत्री आवास छोड़ने के बाद शिवराज चौहान ने इस बंगले का नाम ‘मामा का घर’ रखा था और इसे भरोसे व खुलेपन का प्रतीक बताया था।
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