राज्यसभा ने सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन पर सम्मान व्यक्त करते हुए पूरे दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही उपसभापति हरिवंश ने शिबू सोरेन के निधन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश ने एक अनुभवी नेता और आदिवासी समाज की आवाज को खो दिया है। घोषणा के बाद सदन में मौजूद सभी सदस्यों ने दिवंगत नेता की आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन रखा।
शिबू सोरेन भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा रहे हैं। वे कई बार संसद के सदस्य रहे और केंद्र सरकार में मंत्री के रूप में भी सेवा दी। उन्होंने झारखंड राज्य के निर्माण और आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया। राजनीति में उनका योगदान विशेष रूप से सामाजिक न्याय और हाशिए पर खड़े समुदायों के उत्थान के लिए जाना जाता है।
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उनके निधन पर राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और जनसेवा का प्रतीक था।
संसदीय परंपरा के अनुसार, जब किसी वरिष्ठ सांसद या प्रमुख राजनीतिक नेता का निधन होता है, तो सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिवंगत आत्मा के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है। इसी परंपरा के तहत राज्यसभा की सोमवार की सभी कार्यवाही रद्द कर दी गई।
शिबू सोरेन के योगदान को याद करते हुए उपसभापति हरिवंश ने कहा कि उनकी विरासत भारतीय राजनीति में हमेशा जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
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