राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी पर चुनाव में वोटों की हेराफेरी कर उम्मीदवार को जिताने का गंभीर आरोप लगाया है। यह आरोप एक कथित वीडियो के वायरल होने के बाद सामने आया है, जिसमें मांझी को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि उन्होंने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के एक पिछड़ रहे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित कराई थी।
यह वीडियो गुरुवार (19 दिसंबर 2025) को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद विपक्षी दलों ने इसे लेकर सरकार और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए। हालांकि, मांझी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वायरल वीडियो से छेड़छाड़ की गई है।
वीडियो में कथित तौर पर मांझी मगही भाषा में कहते सुनाई दे रहे हैं, “2020 में वह (अनिल कुमार) 2,700 वोटों से चुनाव हार रहे थे और उन्होंने मुझसे समाधान पूछा। मैंने कोशिश की और वह जीत गए।” अनिल कुमार टिकारी विधानसभा सीट से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के उम्मीदवार थे।
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आरजेडी नेताओं का कहना है कि यह बयान लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता पर गंभीर सवाल खड़े करता है और इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पार्टी ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष चुनावी परिणामों को प्रभावित करने के लिए गलत तरीकों का सहारा लेता रहा है।
वहीं, जीतन राम मांझी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि वह किसी से डरते नहीं हैं और उनके खिलाफ साजिश के तहत यह वीडियो फैलाया गया है। उन्होंने कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए वह हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं।
इस विवाद ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर चुनावी निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर बहस छेड़ दी है, वहीं राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
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