भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अडाणी समूह और उसके अध्यक्ष गौतम अडाणी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़े आरोपों से राहत दे दी है। सेबी ने दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि अडाणी समूह ने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है।
सेबी की जांच में सामने आया कि संबंधित लेन-देन उस समय "संबद्ध पक्ष लेन-देन" (Related Party Transactions) की श्रेणी में नहीं आते थे। इसका कारण यह था कि संबंधित परिभाषा वर्ष 2021 के संशोधन के बाद ही विस्तारित की गई थी। यानी, जिन लेन-देन पर आरोप लगाए गए, वे उस समय लागू नियमों के अंतर्गत उल्लंघन नहीं माने जा सकते।
गौरतलब है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडाणी समूह पर गंभीर आरोप लगाए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि समूह ने शेयर मूल्यों में हेरफेर किया और संदिग्ध लेन-देन के जरिए निवेशकों को गुमराह किया। इन आरोपों से अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी और कंपनी के बाजार मूल्य में हजारों करोड़ का नुकसान हुआ था।
और पढ़ें: नगर निकायों की कमजोर बैलेंस शीट बॉन्ड जारी करने में बाधा : सेबी प्रमुख
हालांकि, सेबी की जांच और आदेश से अडाणी समूह को बड़ी राहत मिली है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि अडाणी समूह और गौतम अडाणी के खिलाफ लगाए गए आरोप उस समय लागू कानूनों के अनुसार सही नहीं ठहराए जा सकते।
इस फैसले को अडाणी समूह के लिए बड़ी कानूनी जीत माना जा रहा है, जिससे बाजार में कंपनी की छवि और निवेशकों का विश्वास मजबूत हो सकता है।
और पढ़ें: SEBI ने जेन स्ट्रीट जांच को तेज किया, अपर्याप्त डेटा और लगातार शिकायतों के कारण