सिंगापुर के गृह मामलों के मंत्री के. शन्मुगम ने देश पर हो रहे एक "गंभीर और जारी साइबर हमले" की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, "मैं इतना कह सकता हूं कि यह गंभीर है और अब भी चल रहा है। इसकी पहचान UNC3886 के रूप में की गई है।"
यह हमला एक उन्नत साइबर खतरे के रूप में सामने आया है, जिसमें सरकारी तंत्रों को निशाना बनाए जाने की आशंका जताई जा रही है। UNC3886 एक ऐसा साइबर जासूसी समूह माना जाता है जो विशेष रूप से हाई-प्रोफाइल टारगेट्स को निशाना बनाता है और जटिल तरीकों से नेटवर्क में सेंध लगाता है।
हालांकि मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किस सरकारी एजेंसी या विभाग को निशाना बनाया गया है, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है और साइबर सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय रूप से इसका जवाब देने में जुटी हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि UNC3886 संभवतः एक राज्य-प्रायोजित हैकर समूह है, जो पहले भी दुनिया के अन्य हिस्सों में इस प्रकार के हमलों के लिए जाना गया है। इससे पहले इस समूह पर अमेरिका और एशिया में विभिन्न संवेदनशील संस्थाओं पर हमला करने के आरोप लगे थे।
सिंगापुर की सरकार ने साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि इस हमले को रोकने और स्रोत का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी लिया जाएगा।
यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि डिजिटल युग में साइबर हमले किसी भी देश की सुरक्षा के लिए कितने बड़े खतरे बन चुके हैं।