संसदीय कार्यवाही के दौरान सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में संशोधित आयकर विधेयक, 2025 पेश किया। यह विधेयक पहले 13 फरवरी को सदन में पेश किया गया था, लेकिन चयन समिति द्वारा सुझाए गए कई बदलावों के बाद इसका संशोधित संस्करण अब दोबारा प्रस्तुत किया गया है।
इस विधेयक की समीक्षा के लिए गठित चयन समिति की अध्यक्षता सांसद बैजयंत पांडा ने की थी। समिति ने आयकर कानून को अधिक पारदर्शी, सरल और करदाताओं के लिए सुगम बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण सिफारिशें दीं। इन सिफारिशों में कर दरों में स्पष्टता, आय वर्ग के अनुसार छूट व कटौतियों में संशोधन, डिजिटल टैक्स प्रशासन को सुदृढ़ बनाने और विवाद समाधान तंत्र को सरल बनाने जैसे प्रावधान शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि संशोधित विधेयक में आम नागरिकों, छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के हितों को ध्यान में रखते हुए कई प्रावधान जोड़े गए हैं। इसके तहत कर अनुपालन को आसान बनाने के लिए डिजिटल फाइलिंग प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा। साथ ही, कर चोरी पर रोक लगाने और कर प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
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लोकसभा में विधेयक पेश करते समय सीतारमण ने कहा कि सरकार का लक्ष्य एक ऐसा कर ढांचा तैयार करना है जो आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करे और निवेशकों के लिए आकर्षक माहौल बनाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि संशोधित विधेयक देश के कर सुधार एजेंडे का एक अहम हिस्सा है और इससे दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होगी।
विधेयक पर चर्चा और पारित होने के बाद इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
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