पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है, क्योंकि टीएमसी के पूर्व वरिष्ठ नेता सोवन चटर्जी को सात साल बाद कोलकाता नगर निगम से जुड़ी एक अहम जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें न्यू टाउन कोलकाता डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनकेडीए) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस कदम को राजनीतिक हलकों में टीएमसी में सुलह और पुनर्वापसी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
सोवन चटर्जी, जो कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी सहयोगी थे, 2019 में पार्टी से अलग हो गए थे और बाद में भाजपा में शामिल हुए थे। हालांकि, भाजपा में उनका कार्यकाल अल्पकालिक और निष्क्रिय रहा। अब एनकेडीए की अध्यक्षता मिलने के बाद उनकी टीएमसी में “सॉफ्ट री-एंट्री” की चर्चा तेज हो गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह नियुक्ति पार्टी की ओर से एक संतुलित और रणनीतिक कदम है, जो आने वाले चुनावों से पहले पुराने और प्रभावशाली नेताओं को वापस लाने की कोशिश को दर्शाता है। चटर्जी का प्रभाव दक्षिण कोलकाता के कई क्षेत्रों में अब भी कायम है, और पार्टी उनके अनुभव का फिर से लाभ उठाना चाहती है।
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सूत्रों के अनुसार, चटर्जी की वापसी टीएमसी और उनके बीच लंबे समय से चली आ रही दूरी को कम करने की दिशा में अहम कदम हो सकती है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि आने वाले महीनों में उन्हें और भी जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।
राज्य की राजनीति में यह घटनाक्रम संकेत देता है कि टीएमसी अपने पुराने सिपाहियों को फिर से साथ लाने की तैयारी में है, ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके।
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