महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम घटनाक्रम के तहत किसान हितों की पैरवी करने वाली स्वाभिमानी पक्ष ने राज्य में होने वाले आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को समर्थन देने की घोषणा की है। स्वाभिमानी पक्ष का नेतृत्व पूर्व सांसद राजू शेट्टी कर रहे हैं। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया है कि एमवीए खुद इन चुनावों में एकजुट मोर्चे के रूप में हर जगह चुनाव नहीं लड़ रही है।
स्वाभिमानी पक्ष के इस फैसले को ग्रामीण और किसान बहुल इलाकों में राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी का कहना है कि वह उन क्षेत्रों में एमवीए के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी, जहां गठबंधन के दल आपसी सहमति से एक साझा उम्मीदवार उतार रहे हैं।
इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने The Indian Witness को बताया कि एमवीए सभी स्थानों पर एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ रही है। सूत्रों के अनुसार, “कुछ स्थानों पर एमवीए एक साथ चुनाव लड़ रही है। जहां भी एमवीए का संयुक्त उम्मीदवार होगा, वहां स्वाभिमानी पक्ष उसका समर्थन करेगी।” इससे यह संकेत मिलता है कि गठबंधन की रणनीति क्षेत्रवार तय की गई है और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार राजनीतिक दल अपने कदम उठा रहे हैं।
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महा विकास आघाड़ी में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) शामिल हैं। हालांकि गठबंधन राज्य स्तर पर एकजुट है, लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों में सीट बंटवारे और रणनीति को लेकर कई जगहों पर दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। इसी वजह से स्वाभिमानी पक्ष ने भी अपना समर्थन शर्तों के साथ सीमित रखा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि स्वाभिमानी पक्ष का समर्थन एमवीए को खासतौर पर पश्चिमी महाराष्ट्र और गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में मजबूती दे सकता है, जहां राजू शेट्टी का प्रभाव रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि यह समर्थन स्थानीय चुनावी नतीजों को किस हद तक प्रभावित करता है।
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