तालिबान ने अफगानिस्तान में महीनों से हिरासत में रखे गए एक ब्रिटिश दंपति को रिहा कर दिया है। उन्हें अज्ञात आरोपों पर गिरफ्तार किया गया था और लंबे समय से बंदी बनाकर रखा गया था।
ब्रिटिश नागरिक रेनॉल्ड्स और उनकी पत्नी को तालिबान अधिकारियों ने कई महीने पहले हिरासत में लिया था। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी के कारणों के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी साझा नहीं की गई। इस मामले ने ब्रिटेन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी थी।
रेनॉल्ड्स के परिवार ने यूनाइटेड किंगडम में लगातार उनकी रिहाई की मांग की थी। परिवार का आरोप था कि दंपति को हिरासत में अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है और बिना किसी ठोस आरोप के उन्हें बंदी बनाकर रखा गया है। इस मामले ने तालिबान के न्यायिक ढांचे और मानवाधिकारों की स्थिति पर भी गंभीर सवाल उठाए।
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ब्रिटिश सरकार ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी नहीं साधी और तालिबान से बातचीत कर उनके नागरिकों की सुरक्षित रिहाई की मांग की थी। अंततः तालिबान ने दंपति को रिहा कर दिया, लेकिन किन शर्तों या समझौतों के तहत यह कदम उठाया गया, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मामला तालिबान के अंतरराष्ट्रीय छवि को प्रभावित करता है, खासकर ऐसे समय में जब वह वैश्विक मान्यता और आर्थिक सहयोग की तलाश में है।
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