उन्नाव बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे निष्कासित भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (23 दिसंबर, 2025) को उनकी जेल सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें जमानत दे दी।
जस्टिस सुब्रमोनियम प्रसाद और जस्टिस हरिश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने कुलदीप सेंगर को ₹15 लाख के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की तीन जमानतों पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने जमानत देते हुए कई सख्त शर्तें भी लगाई हैं।
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि कुलदीप सेंगर पीड़िता के घर से पांच किलोमीटर की परिधि में प्रवेश नहीं करेंगे और न ही पीड़िता या उसकी मां को किसी भी तरह से धमकाएंगे या संपर्क करेंगे। अदालत ने स्पष्ट किया कि जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन होने पर उनकी जमानत तुरंत रद्द कर दी जाएगी।
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अदालत ने यह भी कहा कि कुलदीप सेंगर की सजा उनकी अपील के लंबित रहने तक निलंबित रहेगी। सेंगर ने दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाए गए बलात्कार मामले के दोषसिद्धि और सजा के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
यह मामला वर्ष 2017 का है, जब एक नाबालिग लड़की का कथित तौर पर अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया गया था। इस मामले और इससे जुड़े अन्य मामलों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 1 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित किया गया था, ताकि निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित की जा सके।
इसके अलावा, पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में भी कुलदीप सेंगर की अपील हाईकोर्ट में लंबित है। उस मामले में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई थी। सेंगर ने यह दलील देते हुए सजा निलंबन की मांग की है कि वह पहले ही जेल में लंबा समय बिता चुके हैं।
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