संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत को जैवलिन मिसाइल सिस्टम और संबंधित उपकरणों की संभावित बिक्री को मंजूरी दे दी है, जिसकी अनुमानित कीमत 45.7 मिलियन डॉलर है। डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि आवश्यक प्रमाणन पूरा कर कांग्रेस को अधिसूचित कर दिया गया है।
DSCA के अनुसार, यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों को मजबूत करेगी, साथ ही भारत-अमेरिका सामरिक साझेदारी को भी और सुदृढ़ करेगी।
क्या शामिल है इस रक्षा पैकेज में?
भारत को दिए जाने वाले 45.7 मिलियन डॉलर के पैकेज में 100 FGM-148 जैवलिन मिसाइल राउंड, एक FGM-148 जैवलिन मिसाइल (फ्लाई-टू-बाय), और 25 जैवलिन लाइटवेट कमांड लॉन्च यूनिट (LwCLU) या ब्लॉक-1 कमांड लॉन्च यूनिट शामिल हैं।
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साथ ही कई अन्य प्रशिक्षण और तकनीकी सुविधाएं भी पैकेज में दी जाएंगी—जैसे मिसाइल सिमुलेशन राउंड, टेक्निकल मैनुअल, सुरक्षा निरीक्षण, स्पेयर पार्ट्स, सिस्टम इंटीग्रेशन, प्रशिक्षण, टूलकिट और रखरखाव सेवाएं।
भारत की सुरक्षा क्षमता बढ़ेगी
DSCA ने कहा कि यह बिक्री भारत की वर्तमान और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की क्षमता को मजबूत करेगी। यह भारत की सीमा सुरक्षा को बढ़ाएगी और क्षेत्रीय खतरों को रोकने में मदद करेगी। एजेंसी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस सौदे से दक्षिण एशिया के सैन्य संतुलन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और न ही अमेरिकी रक्षा तत्परता पर कोई नकारात्मक असर होगा।
जैवलिन FGM-148 क्या है?
जैवलिन FGM-148 अमेरिका की अत्याधुनिक, पोर्टेबल, ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ एंटी-टैंक मिसाइल है, जो 1996 से सेवा में है। इसमें इन्फ्रारेड गाइडेंस सिस्टम है, जिससे सैनिक मिसाइल छोड़ते ही सुरक्षित स्थान पर जा सकता है। यह मिसाइल टॉप-अटैक मोड में बख़्तरबंद वाहनों के ऊपर से हमला करती है, जबकि आवश्यकता पड़ने पर डायरेक्ट-अटैक मोड भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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