अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि रूस की “उकसाने वाली” टिप्पणियों के जवाब में अमेरिका परमाणु पनडुब्बियों को तैनात करेगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में ट्रंप और रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव के बीच तीखी जुबानी जंग देखने को मिली है।
ट्रंप ने कहा कि रूस की हालिया बयानबाजी क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत करने और किसी भी आक्रामक कदम का जवाब देने के लिए तैयार है। ट्रंप के अनुसार, परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती का उद्देश्य केवल निवारक (deterrence) है और इसका मकसद किसी नए युद्ध को भड़काना नहीं है।
दूसरी ओर, मेदवेदेव ने हाल के बयानों में अमेरिका की विदेश नीति और सैन्य रणनीति की आलोचना की थी। इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि रूस की धमकियां “अस्वीकार्य” हैं और अमेरिका अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से अमेरिका और रूस के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंध और बिगड़ सकते हैं। परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती को कई रणनीतिक क्षेत्रों में देखा जा सकता है, जिससे शक्ति संतुलन पर असर पड़ सकता है।
अमेरिकी प्रशासन ने यह भी कहा है कि वह इस मुद्दे पर अपने नाटो सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेगा और रूस की किसी भी आक्रामक गतिविधि का संयुक्त रूप से जवाब देगा।
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