उत्तराखंड में सरकारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर चल रहे आठ दिन लंबे विरोध प्रदर्शन को सोमवार को समाप्त कर दिया गया। यह फैसला उस समय आया जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के परेड ग्राउंड में धरना दे रहे अभ्यर्थियों से मुलाकात की और मामले की सीबीआई जांच कराने का वादा किया।
पेपर लीक घोटाले के खिलाफ सैकड़ों अभ्यर्थी लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे थे। उनका आरोप था कि बार-बार होने वाले लीक से न केवल उनके करियर पर असर पड़ रहा है बल्कि राज्य की भर्ती प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
सीएम धामी ने अभ्यर्थियों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जांच एजेंसियां पूरे मामले की गहनता से पड़ताल करेंगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के भविष्य के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी।
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अभ्यर्थियों ने सीएम की घोषणा के बाद अपने विरोध को समाप्त करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि अब उनकी उम्मीदें सीबीआई जांच और सरकार की कार्रवाई पर टिकी हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सीएम धामी का यह कदम युवाओं के बढ़ते असंतोष को शांत करने की कोशिश है। पेपर लीक की घटनाओं ने राज्य की शिक्षा और भर्ती प्रणाली पर गहरी चोट की है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया था।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार अब इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और पारदर्शी जांच के जरिये युवाओं का विश्वास बहाल करने का प्रयास कर रही है।
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