केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि खेती के पीक सीजन के दौरान मजदूरों की कमी की समस्या को हाल ही में पारित नए कानून के माध्यम से दूर किया जाएगा। मंगलवार (23 दिसंबर, 2025) को किसान दिवस के अवसर पर वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G अधिनियम किसानों और मजदूरों—दोनों के हितों को संतुलित रूप से साधता है।
यह नया कानून महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लाया गया है और इसे संसद ने पिछले सप्ताह पारित किया था। आधिकारिक बयान के अनुसार, यह अधिनियम कृषि समुदाय को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान अक्सर बुवाई और कटाई के मौसम में मजदूरों की अनुपलब्धता से जूझते हैं, जिससे खेती के कार्य प्रभावित होते हैं। नए कानून के तहत इस समस्या का समाधान किया गया है ताकि खेती के जरूरी समय पर पर्याप्त मजदूर उपलब्ध रहें। उन्होंने कहा कि यह नया प्रावधान किसानों के लिए राहत लेकर आएगा और उन्हें संतुष्टि देगा।
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नए VB-G RAM G अधिनियम के तहत मजदूरों को साल में 125 दिनों का रोजगार मिलेगा, जो मनरेगा के तहत मिलने वाले 100 दिनों से अधिक है। हालांकि, खेती के पीक सीजन के दो महीनों में मजदूरों से अपेक्षा की जाएगी कि वे कृषि कार्यों के लिए उपलब्ध रहें, ताकि खेतों में काम प्रभावित न हो।
कृषि मंत्री ने कहा कि इस नई व्यवस्था से संबंधित जानकारी देशभर के किसानों तक कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से पहुंचाई जानी चाहिए, ताकि वे इसके लाभों को समझ सकें और सही समय पर मजदूरों की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों और मजदूरों—दोनों की आय में वृद्धि करना है, और यह लक्ष्य इस नए कानून के माध्यम से हासिल किया जाएगा। इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एम.एल. जाट सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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