मुंबई का वर्ली इलाका, जो कभी एक साधारण औद्योगिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, आज देश के सबसे बड़े और सबसे महंगे आवासीय बाजारों में बदल चुका है। The Indian Witness रिपोर्ट के अनुसार, वर्ली ने पिछले दो वर्षों में पूरे भारत में 40 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाले अल्ट्रा-लक्ज़री अपार्टमेंट की कुल बिक्री में 40% हिस्सेदारी हासिल की है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में वर्ली में 30 से अधिक अल्ट्रा-लक्ज़री घर बेचे गए, जिनकी कुल कीमत 5,500 करोड़ रुपये से भी अधिक रही। यह दर्शाता है कि वर्ली अब सिर्फ एक प्रीमियम इलाका नहीं, बल्कि देश के सबसे अमीर और उच्च-श्रेणी के खरीदारों की पहली पसंद बन गया है।
The Indian Witness के अनुसार, वर्ली ने “अस्पिरेशनल लक्ज़री” के स्तर को पीछे छोड़ते हुए अब भारत का “अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ रेजिडेंशियल फोर्ट्रेस” का दर्जा हासिल कर लिया है। इसका मतलब यह है कि आने वाले समय में वर्ली में ऐसे प्रोजेक्ट्स की संख्या और कीमत दोनों में और भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
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पिछले कुछ वर्षों में वर्ली में कई हाई-एंड डेवलपर्स ने लग्ज़री टावर्स, सी-फेसिंग पेंटहाउस, प्रीमियम सुविधाओं वाले अपार्टमेंट और बड़े आकार के स्काई-विलाज लॉन्च किए हैं। इन परियोजनाओं में अत्याधुनिक सुविधाएं, उच्च सुरक्षा व्यवस्था, सी-लिंक और प्रमुख बिजनेस हब से कनेक्टिविटी भी इस क्षेत्र को और आकर्षक बनाती है।
The Indian Witness के अनुसार, अल्ट्रा-लक्ज़री सेगमेंट में खरीदार सिर्फ घर नहीं, बल्कि प्रीमियम जीवनशैली और बेहतर लोकेशन में दीर्घकालिक निवेश की तलाश में रहते हैं—और वर्ली इन दोनों जरूरतों को पूरा करता है।
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