दिल्ली में इस साल की छठ पूजा कई मायनों में खास है। वर्षों बाद श्रद्धालु “यमुना मैया” के तट पर पारंपरिक तरीके से पूजा कर सकेंगे। दिल्ली सरकार ने इस त्योहार को लेकर व्यापक तैयारियां की हैं। यमुना की सफाई के लिए नावों का उपयोग किया गया है और घाटों को नई चमक दी गई है।
यह फैसला ऐसे समय आया है जब अगले महीने बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहारी समुदाय निवास करता है। सरकार का यह कदम धार्मिक आस्था और राजनीतिक रणनीति—दोनों से जुड़ा माना जा रहा है।
दिल्ली के कालिंदी कुंज, मयूर विहार, वजीराबाद और अन्य इलाकों में अस्थायी घाट बनाए गए हैं। सुरक्षा, रोशनी, और सफाई के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालु बिना किसी बाधा के सूर्य देव को अर्घ्य दे सकें। इस बार पूजा की अनुमति दी गई है, लेकिन नदी में मूर्तियों या अन्य सामग्री के विसर्जन पर सख्त रोक रहेगी ताकि प्रदूषण को रोका जा सके।
कई श्रद्धालुओं ने खुशी जताते हुए कहा, “हम बहुत खुश हैं, क्योंकि वर्षों बाद यमुना मैया में छठ मना पाएंगे।” विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रयास सफल रहा तो यह यमुना की स्वच्छता और धार्मिक आस्था के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।