पूरा भारत दीपों के महापर्व दीपावली की चमक और उल्लास से जगमगा उठा। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक लाखों लोगों ने अपने घरों, मंदिरों और सड़कों को दीपों, रंग-बिरंगी रोशनी और सजावट से सजा दिया। यह त्योहार अच्छाई पर बुराई की जीत और प्रकाश पर अंधकार की विजय का प्रतीक माना जाता है।
देशभर के प्रमुख शहरों में बाजारों में भारी भीड़ देखी गई, जबकि मंदिरों और घरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई। लोगों ने एक-दूसरे को मिठाइयाँ और उपहार भेंट किए तथा पारंपरिक परिधानों में उत्सव मना रहें हैं। राजधानी दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, जयपुर और चेन्नई जैसे शहरों में आतिशबाज़ी और दीपोत्सव के शानदार नज़ारे देखने को मिले।
वाराणसी के गंगा घाटों पर हज़ारों दीये जलाकर भक्तों ने ‘देव दीपावली’ की पूर्व संध्या मनाई, जिससे पूरा तट सुनहरी रोशनी में नहा गया। वहीं, अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन हुआ जहाँ लाखों दीयों ने शहर को आलोकित कर दिया।
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इस वर्ष सरकार और पर्यावरण संगठनों ने लोगों से ‘ग्रीन दीवाली’ मनाने और प्रदूषण कम करने की अपील की। कई राज्यों में सार्वजनिक स्थानों पर आतिशबाज़ी पर प्रतिबंध या सीमाएँ लगाई गईं, ताकि पर्यावरण को हानि न पहुँचे।
विदेशों में बसे भारतीय समुदायों ने भी दीपावली का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया, जिससे दुनिया भर में भारत की सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाई दी।