सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश जारी करते हुए उत्तर भारत में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटलों, लॉज, गेस्टहाउस और ढाबों को निर्देशित किया है कि वे अपने लाइसेंस और पंजीकरण दस्तावेज सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करें।
यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया, जिसमें कहा गया था कि यात्रा मार्ग पर कई अवैध होटल और ढाबे बिना उचित अनुमतियों के संचालित हो रहे हैं, जिससे सुरक्षा और स्वच्छता संबंधी गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों की सरकारों और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान, विशेष रूप से कांवड़ यात्रा के दौरान सक्रिय रहने वाले होटल, अपने वैध लाइसेंस स्पष्ट रूप से बाहर प्रदर्शित करें।
अदालत ने यह भी कहा कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए आवश्यक है। इससे प्रशासन को यह पता चल सकेगा कि कौन-कौन से प्रतिष्ठान अवैध रूप से काम कर रहे हैं और उन पर उचित कार्रवाई की जा सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह उम्मीद की जा रही है कि कांवड़ यात्रा के दौरान बेहतर व्यवस्था, निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी, जिससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित और स्वच्छ सेवाएं मिल सकेंगी।