इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ एलेस्टेयर कुक ने शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारतीय टीम के खिलाफ इंग्लैंड की घरेलू सीरीज़ में 2-2 के ड्रॉ पर कड़ी टिप्पणी की है। कुक का कहना है कि यह ड्रॉ “बहुत मजबूत भारतीय टीम” के खिलाफ नहीं था और इंग्लैंड की हालिया उपलब्धियों ने टीम की गहरी समस्याओं को ढक दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह स्थिति एशेज सीरीज़ के लिए इंग्लैंड की तैयारियों पर सवाल खड़े करती है, जहां टीम फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 0-3 से पीछे चल रही है।
इस साल की शुरुआत में भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ 2-2 से ड्रॉ रही थी। यह शुभमन गिल का टेस्ट कप्तान के रूप में पहला असाइनमेंट था। गिल ने सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन करते हुए 754 रन बनाए, जिसमें चार शतक शामिल थे। इसके बावजूद कुक का मानना है कि इंग्लैंड के लिए इस सीरीज़ के नतीजे वास्तविक प्रगति को नहीं दर्शाते।
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में चल रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट के पहले दिन कुक ने कहा कि शुरुआत में रॉब की, ब्रेंडन मैकुलम और बेन स्टोक्स की तिकड़ी ने शानदार प्रभाव छोड़ा था। उन्होंने कहा कि पहले साल में मैकुलम ने 10 में से आठ मैच जीते थे, लेकिन उसके बाद से प्रदर्शन में गिरावट आई है। कुक के अनुसार, इस साल इंग्लैंड की जीत प्रतिशत केवल 30 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है, जो गिरते ग्राफ की ओर इशारा करता है।
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कुक ने आगे कहा कि भारत के खिलाफ सीरीज़ के दौरान काफी चर्चा हुई, लेकिन इंग्लैंड न तो सीरीज़ जीत सका और न ही भारतीय टीम उस समय अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर थी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत को बाद में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा, जिससे यह साफ होता है कि वह भारतीय टीम भी बेहद मजबूत नहीं थी।
एशेज सीरीज़ की बात करें तो इंग्लैंड पहले तीन टेस्ट हार चुका है—पर्थ और ब्रिस्बेन में आठ विकेट से और एडिलेड में 82 रनों से। चौथे टेस्ट में मेलबर्न में इंग्लैंड को जीत के लिए 175 रनों का लक्ष्य मिला है। कुक का मानना है कि अब इंग्लैंड को आत्ममंथन कर यह तय करना होगा कि आगे किस तरह की क्रिकेट और किन खिलाड़ियों के साथ खेलना है।
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