दक्षिण अफ्रीका के कप्तान टेंबा बावुमा, जिन्होंने हाल ही में कोलकाता में भारत के खिलाफ 15 साल बाद अपनी टीम को ऐतिहासिक टेस्ट जीत दिलाई थी, ने शुक्रवार को कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच चल रही एशेज सीरीज़ देखकर ईर्ष्या महसूस कर रहे थे। बावुमा ने कहा कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जहां पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेल रहे हैं, वहीं दक्षिण अफ्रीका और भारत जैसी शीर्ष टीमों को सिर्फ दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ से गुजरना पड़ता है, जो खिलाड़ियों की असली प्रतिभा का पूरा मूल्यांकन नहीं कर पाती।
बावुमा ने कहा, “हम सुबह उठकर एशेज देखने लगे। थोड़ी ईर्ष्या भी हुई, क्योंकि वे पांच टेस्ट खेल रहे हैं। दोनों टीमें लगातार एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देंगी। उम्मीद है कि निकट भविष्य में हम भारत के खिलाफ चार टेस्ट खेलने वापस आएंगे।”
बावुमा ने भारत दौरे के दौरान गुवाहाटी और कोलकाता की पिचों के अंतर का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि गुवाहाटी की पिच खेले गए एशेज मैच जैसी मददगार नहीं थी, जबकि कोलकाता की ईडन गार्डन्स पिच में बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को संतुलित मदद मिल रही थी। उन्होंने भारत में मिली जीत को दक्षिण अफ्रीकी टेस्ट टीम की मजबूती का संकेत बताया।
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दक्षिण अफ्रीका के कप्तान का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट की असली सुंदरता लंबी सीरीज़ में सामने आती है, जहां टीमों को रणनीति, सहनशीलता और निरंतरता की असली परीक्षा देनी होती है। उन्होंने यह भी कहा कि WTC चैंपियन होने के बावजूद दक्षिण अफ्रीका को अधिक लंबी टेस्ट सीरीज़ का अवसर मिलना चाहिए।
बावुमा की टिप्पणी ने एक बार फिर उस बहस को हवा दे दी है, जिसमें कहा जाता है कि बड़े बाजार वाली टीमों को लंबी टेस्ट सीरीज़ मिलती हैं, जबकि अन्य शीर्ष टीमों को कम मुकाबलों में सिमटना पड़ता है।
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