चेन्नई के प्रतिभाशाली शतरंज खिलाड़ी एस. रोहित कृष्ण ने भारत के 89वें ग्रैंड मास्टर बनने का गौरव हासिल किया है। इस उपलब्धि के साथ उन्होंने देश के शतरंज इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है।
रोहित कृष्ण ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने स्कूल—सनशाइन (वेलाचेरी) और कॉलेज—एसएसएन कॉलेज को दिया। उन्होंने कहा कि संस्थानों के निरंतर सहयोग और प्रोत्साहन ने ग्रैंड मास्टर बनने का रास्ता आसान कर दिया। परिवार और प्रशिक्षकों की मदद ने भी उनके खेल को निखारने में अहम भूमिका निभाई।
रोहित ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करके ग्रैंड मास्टर का खिताब हासिल करने के लिए आवश्यक तीन नॉर्म और 2500 ईएलओ रेटिंग पार की। उनके कोच और साथियों ने कहा कि यह उपलब्धि उनकी मेहनत, एकाग्रता और धैर्य का परिणाम है।
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भारतीय शतरंज जगत के लिए यह एक और गर्व का क्षण है। हाल के वर्षों में भारत से कई युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं और रोहित कृष्ण की यह उपलब्धि इस प्रवृत्ति को और मजबूत करती है।
शतरंज विशेषज्ञों का मानना है कि रोहित जैसे खिलाड़ी देश में खेल के बढ़ते स्तर और बेहतर प्रशिक्षण ढांचे का प्रमाण हैं। उनकी सफलता से अन्य युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी कि समर्पण और निरंतर अभ्यास से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।
भारतीय शतरंज महासंघ ने भी रोहित कृष्ण को बधाई दी और उम्मीद जताई कि वह आने वाले समय में भारत के लिए और भी उपलब्धियां लेकर आएंगे।
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