भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने फिटनेस को लेकर एक अहम बयान दिया है। उनका कहना है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का व्यस्त शेड्यूल खिलाड़ियों के शरीर और मानसिक संतुलन पर गहरा असर डालता है। ऐसे में सालभर फिट और ऊर्जावान बने रहने के लिए खिलाड़ियों को बीच-बीच में ब्रेक लेना बेहद ज़रूरी है।
शार्दुल ने कहा कि लगातार क्रिकेट खेलने से शरीर पर दबाव बढ़ता है, जिससे चोट का खतरा भी अधिक होता है। उन्होंने बताया कि आराम और रिकवरी किसी भी एथलीट की फिटनेस यात्रा का अभिन्न हिस्सा होते हैं। सिर्फ जिम और ट्रेनिंग ही नहीं, बल्कि सही समय पर आराम करना और पुनर्वास प्रक्रिया का पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई खिलाड़ी जब लगातार मैच खेलते रहते हैं, तो उनकी ऊर्जा कम होने लगती है और प्रदर्शन प्रभावित होता है। लेकिन जब खिलाड़ी बीच-बीच में ब्रेक लेते हैं, तो वे शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताज़ा होकर मैदान पर उतरते हैं।
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शार्दुल ठाकुर ने यह भी कहा कि आधुनिक क्रिकेट में तेज़ फिटनेस और लचीलापन बनाए रखना एक चुनौती है, क्योंकि टीमों का शेड्यूल बहुत तंग रहता है। इसलिए खिलाड़ियों को अपने शरीर की ज़रूरतों को समझना और उसके अनुसार प्रशिक्षण व आराम का संतुलन बनाना चाहिए।
उन्होंने ज़ोर दिया कि फिटनेस केवल मैचों में प्रदर्शन से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह लंबे करियर के लिए भी आवश्यक है। ठाकुर का मानना है कि खिलाड़ी अगर अपनी दिनचर्या में ब्रेक को शामिल करें तो वे लंबे समय तक उच्च स्तर का प्रदर्शन दे सकते हैं।
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