डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर कंपनी फिग्मा पर कैलिफ़ोर्निया की एक संघीय अदालत में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने अपने ग्राहकों के डिज़ाइन, डेटा और बौद्धिक संपदा का बिना अनुमति उपयोग कर अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल्स को ट्रेन किया।
मुकदमे में दावा किया गया है कि ग्राहकों के डेटा के इस कथित दुरुपयोग से फिग्मा को इस वर्ष हुए 1.2 बिलियन डॉलर के शुरुआती सार्वजनिक निर्गम (IPO) में “आसमान छूती वैल्यूएशन” मिली।
फिग्मा के प्रवक्ता ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, “हम बिना स्पष्ट अनुमति के किसी भी ग्राहक डेटा का उपयोग अपने मॉडलों को ट्रेन करने के लिए नहीं करते। अनुमति मिलने पर भी हम डेटा को डी-आईडेंटिफाई करते हैं और ग्राहकों की गोपनीयता सुनिश्चित करते हैं।”
और पढ़ें: एआई सुपरइंटेलिजेंस मानव नियंत्रण से बाहर हो सकती है: माइक्रोसॉफ्ट एआई प्रमुख मुस्तफा सुलैमान की चेतावनी
वादियों के वकील कार्टर ग्रीनबाम ने कहा, “यह मामला एक महत्वपूर्ण सिद्धांत को रेखांकित करता है — उपभोक्ताओं और व्यवसायों को यह अधिकार है कि उनका संवेदनशील डेटा और रचनात्मक कार्य बिना अनुमति एआई ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल न हो।”
हाल के वर्षों में कई टेक कंपनियों के खिलाफ इसी तरह के मामले दायर किए गए हैं, जिनमें आरोप है कि जनरेटिव एआई मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए इंटरनेट सामग्री का बिना अनुमति उपयोग किया गया। हालांकि फिग्मा के खिलाफ मामला कॉपीराइट नहीं बल्कि ग्राहक ट्रेड सीक्रेट्स और डेटा तक अवैध पहुंच से जुड़ा है।
2012 में स्थापित फिग्मा क्लाउड-आधारित सहयोगी डिज़ाइन टूल्स उपलब्ध कराता है। इसके प्रमुख ग्राहक Google (Alphabet), Microsoft और Netflix जैसे बड़े नाम हैं। कंपनी ने चैटजीपीटी के साथ एआई एकीकरण के लिए OpenAI से भी साझेदारी की है।
मुकदमे में यह भी आरोप है कि फिग्मा ने उपयोगकर्ताओं को बिना बताए, उन्हें स्वतः “ऑप्ट-इन” कर दिया, जिससे उनके डेटा का उपयोग एआई ट्रेनिंग के लिए संभव हो गया — जबकि कंपनी पहले दावा करती थी कि वह ग्राहक डेटा को अपने एआई मॉडल्स के लिए उपयोग नहीं करेगी।
वादी पक्ष ने अनिर्दिष्ट हर्जाना और फिग्मा को ऐसे एआई मॉडल्स के उपयोग से स्थायी रूप से रोकने का आदेश मांगा है जो ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
और पढ़ें: Anthropic करेगी Google के अरबों डॉलर के AI चिप्स का इस्तेमाल Claude चैटबॉट को ट्रेन करने के लिए