टेस्ला ने मंगलवार को आधिकारिक रूप से भारतीय बाजार में प्रवेश कर लिया, अपनी पहली कार Model Y SUV को ₹59.89 लाख की कीमत पर लॉन्च किया। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माता का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कंपनी को केवल इम्पोर्ट तक सीमित न रहने और राज्य में मैन्युफैक्चरिंग व R&D बेस स्थापित करने का प्रस्ताव दिया।
मुंबई में आयोजित इस लॉन्च इवेंट में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “मुंबई और भारत की जनता टेस्ला को पसंद करेगी। लेकिन यह सिर्फ बड़ा बाज़ार नहीं, बल्कि ई-मोबिलिटी मैन्युफैक्चरिंग का मजबूत केंद्र भी है—खासतौर पर महाराष्ट्र में। हम चाहते हैं कि टेस्ला यहाँ केवल बेचे नहीं, बल्कि यहीं बनाए भी।”
Model Y भारत में टेस्ला का पहला आधिकारिक उत्पाद है। इसकी कीमत अमेरिका जैसे बाजारों की तुलना में काफी अधिक है, क्योंकि भारत में पूरी तरह से निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों पर 70–100% तक इम्पोर्ट ड्यूटी लगती है। डिलीवरी सितंबर से शुरू होगी, और गाड़ियाँ फ़िलहाल टेस्ला की शंघाई गीगाफैक्ट्री से आएंगी।
टेस्ला का फोकस भारत के लग्ज़री EV सेगमेंट पर है, जो अभी शुरुआती चरण में है लेकिन तेजी से बढ़ रहा है। Model Y का लॉन्ग रेंज वर्जन ₹67.89 लाख तक जाएगा और इसका मुकाबला BMW और Mercedes-Benz जैसी प्रीमियम कंपनियों से होगा, न कि Tata Motors या Mahindra & Mahindra जैसी मास मार्केट ब्रांड्स से। BMW इस सेगमेंट में 18% EV सेल्स के साथ अग्रणी बनी हुई है।
S&P Global Mobility के डायरेक्टर श्री पुनीत गुप्ता के अनुसार, “ट्रेड एग्रीमेंट न होने की स्थिति में यह आक्रामक प्राइसिंग है। फिलहाल टेस्ला मार्केट का टेस्ट ले रही है। भविष्य में यदि भारत और अमेरिका/यूरोप के बीच व्यापार समझौते होते हैं, तो तस्वीर बदल सकती है।”
डिलीवरी शुरू होने से पहले टेस्ला भारत में अपने लेटेस्ट V4 Superchargers भी स्थापित करेगी। मुंबई में चार चार्जिंग हब—Lower Parel, BKC, Navi Mumbai और Thane—में 16-16 Superchargers और 16 Destination Chargers होंगे। हर ग्राहक को होम वॉल चार्जर मुफ्त मिलेगा।
टेस्ला की रीजनल डायरेक्टर श्रीमती इसाबेल फैन ने कहा, “हम भारत में EV इकोसिस्टम खड़ा करने आए हैं, जिसमें चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास भी शामिल है। हम शून्य से शुरू कर सौ तक पहुँचेंगे।”
वैश्विक स्तर पर टेस्ला चुनौतियों का सामना कर रही है—जर्मनी और फ्रांस में बिक्री गिरी है, जबकि चीन में प्रतिस्पर्धा बहुत तेज़ है।
हालांकि टेस्ला ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि कंपनी यहां असेंबली से शुरू करके धीरे-धीरे फुल-स्केल मैन्युफैक्चरिंग की ओर बढ़ सकती है। श्री फडणवीस ने कहा, “टेस्ला सिर्फ एक मार्केट में नहीं आ रही—यह एक ऐसे राज्य और राष्ट्र के साथ साझेदारी में आ रही है, जो स्वच्छ गतिशीलता को लेकर प्रतिबद्ध है।”